CG JES Geet Lyrics: लोकधुनों में बसती है आत्मा की आवाज़
छत्तीसगढ़ की धरती पर जन्मे CG JES Geet Lyrics , आज न केवल लोगो के मन का हिस्सा बन चुके हैं बल्कि यूट्यूब और सोशल मीडिया पर धमाल मचा रहा हैं। JES यानी “जन-एकता संगीत”, जो परम परागत छत्तीसगढ़ी गीतों को नए सुरों में ढालकर जन-जन तक पहुंचा रहा है। इस लेख में हम जानेंगे JES गीतों का इतिहास, महत्व, लोकप्रिय गीतों के बोल और इनके पीछे छिपी लोक भावनाओ के संदेश।
📜 CG JES Geet Lyrics का इतिहास
CG JES Geet Lyrics की शुरुआत सन 2018–2019 के बीच मानी जाती है जब कुछ स्थानीय कलाकारों ने छत्तीसगढ़ी लोकगीतों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपलोड करना शुरू किया। इसका उद्देश्य था – पारंपरिक गीतों को नए बीट्स, वीडियो और युवाओं की पसंद के हिसाब से ढालना।
JES यानी “Jan Ekta Sangit” एक प्रकार से आंदोलन बन गया जिसने छत्तीसगढ़ी कला को YouTube, TikTok (पूर्व में), Instagram Reels जैसे मंचों पर अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई।
👉CG JES Geet Lyrics के निर्माता आमतौर पर गांवों के युवा होते हैं जो कम संसाधनों में भी शानदार संगीत और वीडियो निर्माण करते हैं।
🎵CG JES Geet Lyrics क्या है?
CG JES Geet Lyrics छत्तीसगढ़ी लोकगीतों की एक ऐसी शैली है जिसे आधुनिक साउंड, वीडियो और बीट्स के साथ प्रस्तुत किया जाता है। JES कोई संगठन नहीं बल्कि एक ब्रांड की तरह उभरा नाम है, जिसे मीडिया ने लोकप्रियता दी।
ये गीत अक्सर गाँव की कहानी, प्रेम, समाज, संस्कृति और त्योहारों को दर्शाते हैं।
🌟 लोकप्रिय CG JES Geet Lyrics:
1. “बघवा बन के आथे राजा”
गीत के बोल:
बघवा बन के आथे राजा, मोर अंगना के फुलवारी मा… कइसे रोकंव तोला रे, मोर मन करे पुकारा…
👉 ये गीत प्रेम और प्रतीक्षा की सुंदर छवि को दर्शाता है।
2. “मया के रद्दा”
गीत के बोल:
मया के रद्दा मा, चलथव संगवारी, तोर संग बइठे रहिथव जिनगी भर तक…
👉 मया और अपनत्व की भावना से भरपूर गीत।
3. “नाच मचई देबे”
गीत के बोल:
झन नचबे त नच मचई देबे, मोर संग चली डोली चढ़ई देबे…
👉 त्योहार और शादी के माहौल में बजने वाला धमाकेदार गीत।
📈 CG JES Geet Lyrics की लोकप्रियता
- JES के गीत यूट्यूब पर लाखों में व्यूज पा रहे हैं।
- रील्स और शॉर्ट्स में इन गीतों पर थिरकते युवा CG संस्कृति को प्रमोट कर रहे हैं।
- विवाह, तीज-त्योहार, और सांस्कृतिक आयोजनों में CG JES Geet Lyrics पहली पसंद बन चुकी हैं।
JES गीत छत्तीसगढ़ की संस्कृति को डिजिटल युग में नये रंगों में सजाने वाला आंदोलन बन चुका है।
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